UP HOLIDAY LIST 2023| up madhyamik shiksha parishad holiday list 2023| उत्तर प्रदेश माध्यमिक स्कूलों की अवकाश तालिका यहां दी गई है 2023| Download up Holiday list 2023
उत्तर प्रदेश माध्यमिक स्कूलों के लिए हर जिले की अवकाश तालिका अलग-अलग होती है यहां पर आपको हर जिले की अवकाश तालिका मिलेगी पहले आपको यहां पर उत्तर प्रदेश सर्व सार्वजनिक अवकाश तालिका दी जा रही है नीचे आ पेज पर स्लाइड करेंगे तो सभी विभागों की अकाश तालिका यहां मिलेगी
Holiday list 2023, UP HOLIDAY LIST 2023| up madhyamik shiksha parishad holiday list 2023| Here is the holiday table of Uttar Pradesh Secondary Schools 2023. Download up Holiday list 2023
Holiday list 2022,up madhyamik holiday list 2023, state holiday list 2023 has been released today, on 15 November 2022, holiday list 2023 has been released, this holder list Uttar Pradesh Secondary College, Uttar Pradesh Board of Secondary Education Holiday List, State Basic Education Council Holiday List 2023 From here you can do further planning by seeing your college holidays, Holiday list 2023, and up holiday list will work in both the departments, let us issue you the list,
There are 31 holidays in all in 2023.
Sunday is the most holiday which is number with
Monday is a holiday
there are three tuesdays off
there are four Wednesdays off
thursday four holidays
Friday 5 off
five saturday holidays
This time most of the holidays are studying on Sunday which is a sad sign to the employees.
Holiday list 2023, public sky table 2023
Sr. Number |
Festival |
Date |
Day |
1 |
गणतंत्र दिवस |
26 January 2023 |
Friday /शुक्रवार |
2 |
मोहम्मद हजरत अली का जन्म दिवस |
05 February 2023 |
Sunday /रविवार |
3 |
महाशिवरात्रि |
18 February2023 |
Saturday /शनिवार |
4 |
होलिका दहन |
7 मार्च 2023 |
Tuesday /मंगलवार |
5 |
होली |
8 मार्च 2023 |
Wednesday /बुधवार |
6 |
रामनवमी |
30 मार्च 2023 |
Friday /शुक्रवार |
7 |
महावीर जयंती |
4 अप्रैल 2023 |
Thursday /मंगलवार |
8 |
गुड फ्राइडे |
7 अप्रैल 2023 |
Friday /शुक्रवार |
9 |
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जन्म दिवस |
14 अप्रैल 2023 |
Friday /शुक्रवार |
10 |
ईद उल फितर |
22 अप्रैल 2023 |
Saturday /शनिवार |
11 |
बुद्ध पूर्णिमा |
5 मई 2023 |
Friday /शुक्रवार |
12 |
बकरा ईद |
29 जून 2023 |
Guruwar/ गुरुवार |
13 |
Moharam मोहर्रम |
29 जुलाई 2023 |
शनिवार |
14 |
स्वतंत्रता दिवस |
15 अगस्त 2023 |
मंगलवार |
15 |
रक्षाबंधन |
30 अगस्त 2023 |
गुरुवार |
16 |
जन्माष्टमी |
7 सितंबर 2023 |
गुरुवार |
17 |
ईद ए मिलाद 12 वफात |
28 सितंबर 2023 |
गुरुवार |
18 |
गांधी जयंती |
2 अक्टूबर 2023 |
सोमवार |
19 |
दशहरा (महानवमी) |
23 अक्टूबर 2023 |
सोमवार |
20 |
दशहरा (विजयदशमी ) |
24 अक्टूबर 2023 |
21 |
दीपावली |
12 नवंबर 2023 |
22 |
गोवर्धन पूजा |
13 नवंबर 2023 |
23 |
भैया दूज,/ चित्रगुप्त जयंती |
15 नवंबर 2023 |
24 |
गुरु नानक जयंती/कार्तिक पूर्णिमा |
27 नवंबर 2023 |
25 |
क्रिसमिस डे 25 दिसंबर 2023 |
दिसंबर 2023 |
In the above table, the birthday of Mohammad Hazrat Ali ji and Eid ul Fitr, Muharram, 12 Wafat, all these festivals will be celebrated by seeing the moon.
Restricted Holidays for the year 2023
According to the provision of the Manual of Government Coders 1981 Sanskrit 13247C, the District Magistrate can declare a maximum of three local holidays from his level, in respect of which, explaining the reasons, at the beginning of each year, the concerned Commissioner will be informed if more than 3 local holidays are declared. If necessary, the permission of the government will have to be obtained for this.
The above list is provided by the UP Government of India
25 छुट्टियों में सबसे ज्यादा रविवार और गुरुवार को सबसे ज्यादा छुट्टी सरकारी कर्मचारियों को होगा घाटा सात छुट्टी तो रविवार में ही कट जाएंगे
3 -शुक्रवार
7- रविवार
7- गुरुवार
6-बुधवार
6- शनिवार
4-सोमवार
6 – मंगलवार
अब इतनी ही छुट्टियां बची हैं 2022 में
Note 24 November ki chhutti ko badalkar ab 28 November kar diya gaya hai Uttar Pradesh sarkar ki or s
दिनांक | महा | दिन | त्योहार | |
२३ | अक्टूबर | रविवार | नरक चतुर्दशी | |
२४ | अक्टूबर | सोमवार | दीपावली | |
२६ | अक्टूबर | बुधवार | गोवर्धन पूजा | |
27 | अक्टूबर | गुरुवार | भैया दूज | |
८ | नंबर | मंगलवार | गुरु नानक जयंती | |
२४ | नंबर | गुरुवार | गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस |
२५ | दिसंबर | रविवार | क्रिसमस डे |
26 जनवरी-स्वतंत्रता दिवस– बुधवार
15 फरवरी- * मो हजरत अली जन्मदिवस – मंगलवार
1 मार्च- महाशिवरात्रि-मंगलवार
17 मार्च- होलिका दहन– गुरुवार
18 मार्च-होली– शुक्रवार
10 अप्रैल- रामनवमी रविवार
14 अप्रैल-डा भीमराव अम्बेडकर का जन्मदिनस- शुक्रवार
15 अप्रैल- गुड फ्राइडे शुक्रवार
14 अप्रैल-महावीर जयंती
3- मई-* ईद उल फितर- मंगलवार
16 मई- बुद्ध पूर्णिमा- सोमवार
10 जुलाई-* ईदुज्जुहा रविवार
15 स्वतंत्रता दिवस -रविवार
9 अगस्त-* मोहर्रम मंगलवार
12 अगस्त-रक्षाबंधन शुक्रवार
अट्ठारह अगस्त- जन्माष्टमी शुक्रवार
2 अक्टूबर-गांधी जयंती रविवार
4 अक्टूबर-महानवमी मंगलवार
5 अक्टूबर-दशहरा बुधवार
9 अक्टूबर-* बारावफात रविवार
24 अक्टूबर सोमवार ,दीपावली
4 अक्टूबर-दीपावली
26 अक्टूबर-गोर्वधन पूजा बुधवार
27 अक्टूबर-भैयादूज-चित्रगुप्त गुरुवार
8 नवम्बर-गुरु नानक जयंती- मंगलवार
25 दिसम्बर-क्रिसमस डे रविवार
नोट- (ये त्योहार स्थानीय चन्द्र दर्शन के अनुसार मनाए जाएंगे।
)
अपने मोबाइल की पीडीएफ में डाउनलोड करने के लिए होलीडे लिस्ट नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
सरकारी कर्मचारियों की कितनी सैलरी बढ़ेगी DA
माध्यमिक विद्यालयों में ट्रांसफर के नियम
ट्विन टावर गिराए जाने के क्या क्या कारण है
अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य ,शिक्षक के सम्बंध में महत्त्वपूर्ण जानकारियां*
सम्मानित साथियों,अनेक साथियों व बहिनों के आग्रह पर सेवा शर्तों व अन्य विषयों के सम्बंध में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियों का संक्ष्पित विवरण निम्नवत हैः- मौलिक रिक्ति*-किसी संस्था में पद सृजन,त्यागपत्र देने,मृत्यु होने,, स्थानांतरण होने,तथा 50% कोटे के अन्तगर्त पदोन्नति होने से रिक्त रिक्ति मौलिक रिक्ति मानी जाती है।।
Also Read
*मौलिक सेवाएं*- किसी भी मौलिक रिक्ति में नियुक्त होने के दिनांक से मौलिक सेवा आरम्भ होती है,
*परिवीक्षा काल*—–
मौलिक रिक्ति में नियुक्त होने, किसी तदर्थ सेवाओं के विनियमितीकरण होने, ,स्थानांतरण के बाद कार्यभार ग्रहण करने,नियमित पदोन्नति होने की तिथि से *एक वर्ष के परवीक्षा काल के लिये नियुक्ति होने का प्रावधान है* उसी दिन से मौलिक सेवायें आरम्भ होती है.
सभी प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक, शिक्षक,लिपिक व कर्मचारी की मौलिक रिक्ति में नियुक्ति एक वर्ष के परवीक्षा काल पर होती है।प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक के अलावा शिक्षक,लिपिक,व कर्मचारी का परवीक्षा काल में वृद्धि नहीं की जा सकती है ,*परवीक्षा काल की समाप्ति पर वह स्वतः ही स्थायी हो जाता है* ,स्थायीकरण के लिये प्रबन्धसमिति का प्रस्ताव पारित होना अनिवार्य नहीं है।।
*वरिष्ठता*- मौलिक सेवा के प्रथम दिन से ही वरिष्ठता हेतु सेवा आकंलित की जाती है,यदि एक ही संवर्ग में मौलिक रिक्ति में कार्यभार ग्रहण करने की तिथि समान हो तो आयु में ज्येष्ठ, वरिष्ठ माना जायेगा।विषय विशेषज्ञों की वरिष्ठता हेतु सेवा,उनके मौलिक रिक्ति में आमेलन की तिथि से मानी जायेगी।
सेवापंजिका-प्रधानाचार्य की सेवापंजिका प्रबन्धक,तथा शिक्षक,लिपिक.व कर्मचारियों की सेवापंजिका प्रधानाचार्य की अभिरक्षा में रहनी चाहिये। *सेवा पजिंका, सम्बन्धित को प्रत्येक वर्ष अवलोकित करानी चाहिए, सेवा पजिंका कर्मचारी को उसके सेवा निवृत्त होने पर वापिस दिये जाने का प्रावधान है*।
प्रतिकूलप्रवष्ठि-प्रधानाचार्य, शिक्षक ,लिपिक की *सेवापंजिका में प्रतिकूल प्रवष्ठि सम्बन्धित को संसूचित करने के बाद ही मान्य होगी,अन्यथा वह विधिक रूप से शून्य मानी जायेगी*।।
पदोन्नति– पदोन्नति दो प्रकार की होती है
(1),तदर्थ व(2) 50%कोटे के अन्तर्गत नियमित पदोन्नति।वर्तमान में प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक पद के अलावा *अन्य किसी पद पर तदर्थ पदोन्नति की व्यवस्था नहीं है*।50% कोटे के अन्तर्गत पदोन्नति हेतु सम्बन्धित *रिक्ति होने के दिनांक को अर्हं (शैक्षिक एवं पाँच वर्ष का अविरल शिक्षण अनुभव) अनिवार्य है ,इसके साथ सम्बन्धित विषय में अध्यापन अनुभव होना अनिवार्य नहीं है। ,व्यायाम, कला,संगीत,भाषा,शिल्प,आदि के ऐसे शिक्षक जिन्हें प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम मिल रहा है,50% कोटे के अन्तर्गत प्रवक्ता पद हेतु शैक्षिक अर्हं होने पर बी.एड.एल.टी.होना अनिवार्य नहीं है। *इस सम्बन्ध में विभागीय स्पष्टीकरण निर्गत हो चुका है*।
स्वतःपदोन्नति-व्यायाम, कला,संगीत भाषा,आदि विषयों के शिक्षकों को ,कुछ शर्तों के आधीन स्वतः ही प्रवक्ता पद पर पदोन्नति का प्रावधान है,*किन्तु यह सुविधा 25/10/2000के बाद देय नहीं है।अर्थात वर्तमान में यह सुविधा देय नहीं है*।।
अवकाश-प्रधानाचार्य, शिक्षकों को आकस्मिक अवकाश 14 दिन,अर्जित अवकाश 01 प्रति वर्ष देय है किन्तु प्रधानाचार्य विशेष परिस्थितियों में 14 से अधिक आकस्मिक और प्रति वर्ष दे सकता है,*सम्पूर्ण सेवाकाल में अर्द्ध औसत वेतन पर व्यक्ति गत कार्यहेतु 365 दिन*,चिकित्सा अवकाश 365 दिन,भी देय है *किन्तु 365 दिन के चिकित्सा अवकाश समाप्त होने पर पूरे सेवाकाल में 06 माह का अर्द्ध वेतन पर चिकित्सा अवकाश और देय है*।
विशेष-बिना वेतन अवकाश(L.W.P) लेने पर वरिष्ठता प्रभावित नहीं होती है।।
वेतन संरक्षण-किसी शिक्षक का उच्च पद या समान पद पर चयन बोर्ड प्रयागराज से चयन होता है तो उसे पूर्व पद(ऐडेड माध्यमिक विद्यालय में ही) पर प्राप्त वेतन को संरक्षित करते हुए नवीन पद के वेतनमान में वेतन निर्धारण किया जायेगा। *यदि समान पद पर चयन हुआ है तो भी उसका पूर्व वेतन संरक्षित करके वार्षिक वेतनवृद्धि का दिनांक यथावत रहेगी*।।
*परवीक्षा(Probation)काल में सभी देय अवकाश के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण
प्रायः यह भ्रम है कि परवीक्षा काल में कोई अवकाश नहीं मिलता है और अवकाश अवधि के बराबर परवीक्षा काल बढ़ जाता है।
*उक्त दोनों ही भ्रम गलत है,परवीक्षा काल में सभी देय अवकाश मिलने के साथ साथ अवकाश अवधि से परवीक्षा काल में कोई वृद्धि भी नहीं होती है*
अवकाशों के सम्बन्ध में वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड दो(भाग2-4) के अध्याय 17 के सहायक नियम 179 के अनुसारः—
” *Leave may be gra nted to a probationer,If it is permissible under the rules which would be applicable to him/her held his/her post substantively otherwise than on probation”*.
ज्ञातव्य हो कि *अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य/शिक्षकों को केवल वहीं अवकाश देय होते हैं जो माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अध्याय तीन के विनियम 99 में वर्णित है,साथ ही इन विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्य/शिक्षकों को देय(विनियम 99 में उल्लेखित) अवकाशों के सम्बन्ध में ही वित्तीय हस्त पुस्तिका के प्रावधान लागू होते हैं,अन्य सेवा शर्तों पर लागू नहीं होती है,उक्त सभी की सेवाशर्तें माध्यमिक शिक्षा अधिनियम1921,वेतन वितरण अधिनियम 1971 व चयन बोर्ड अधिनियम 1982 के प्रावधानों से ही शासित होती है*।
माध्यमिक शिक्षक समाज
अवकाश सम्बन्धी भ्रम निवारण सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी*
साथियों,जनपद के अशासकीय तथा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सम्पर्क के दौरान मैंने यह अनुभव किया कि प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों के मध्य देय अवकाशों के सम्बन्ध में भ्रम की स्थिति के कारण अनावश्यक तनाव व्याप्त है जिसका मूल कारण *अवकाश नियमों की भँली भाँति जानकारी न होना है।सुलभ सन्दर्भ हेतु अवकाश सम्बन्धी संक्षिप्त जानकारी दी जा रही हैः। *अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सम्बन्ध में माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अध्याय 03 के विनियम 99 में उल्लेखित,आकस्मिक, अर्जित,चिकित्सा, प्रसूति,व्यत्तिगत्त कार्य अवकाश,सी.सी.एल,व्यक्ति गत कार्य हेतु अर्द्ध औसत वेतन पर तथा असाधारण अवकाश(बिना वेतन के) देय हैं जो राज्यकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के इन्हीं श्रेणी के कर्मचारियों के समान शर्त्तों के आधीन देय है।*
*राज्यकीय उच्चत्तर
माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को देय अवकाश वित्त नियमवाली खण्ड 02 भाग 2-4 के मूल नियम 81-बी(भाग-2) तथा सहायक नियम157-A के अनुसार देय हैं प्रसूति अवकाश सहायक नियम 153 व 154(भाग-3) के अनुसार देय है*
उक्त के सम्बन्ध में दोनों श्रेणी के विद्यालयों में *व्यक्तिगत कार्य हेतु अवकाश* तथा आकस्मिक अवकाश सम्बधी नियमों की जानकारी पूर्णतया अभाव है जो विवाद का कारण बनता है।
(क) *व्यक्तिगत कार्य हेतु अवकाश* —–यह अवकाश उक्त दोनों विद्यालयों में वित्तीय नियमवाली खण्ड 02 के भाग 2-4 के मूल नियम 81-बी(3) तथा सहायक नियम 157-ए(3) के अनुसार स्थायी शिक्षक/कर्मचारी को उनकी पूर्ण सेवा अवधि में 365 दिन का व्यक्तिगत कार्य हेतु अवकाश अर्द्ध औसत वेतन पर देय होता है यह अवकाश एक बार 90 दिन से अधिक नहीं मिल सकता है यह अवकाश कर्मचारी को ड्यूटी पर व्यतीत की गयी अवधि के 1/11 की दर से अर्जित करना होगा।यह अवकाश,अन्य अवकाश के साथ लिया जा सकता है।।
(ख) *आकस्मिक अवकाश*—–यह अवकाश मैन्युल आफ गवर्नमैन्ट आर्डस् उ.प्र. के परिच्छेद 90 के अनुसार देय हैं जिसके अनुसार
(1) एक कलेन्डर वर्ष में 14 दिन का देय होता है
(2) यह अवकाश एक साथ 10 दिन की अवधि से ज्यादा भी स्वीकार किया जा सकता है यदि स्वीकृतकर्ता अधिकारी यह समझे /संन्तुष्ठ हो जाय कि कर्मचारी अवकाश उपभोग के बाद निश्चित कार्य पर वापिस आयेगा।
(3)यदि रविवार सहित कोई अकार्यदिवस /अवकाश आकस्मिक अवकाश के मध्य पड़ते हो वह आकस्मिक अवकाश में नहीं माना जायेगा।(4) यह अवकाश स्वीकृत करने वाला अधिकारी किसी अपवाद जनक परिस्थितियों में अत्यावश्यक तथा विशेष स्थिति के फलस्वरूप 14 दिन से अधिक की अवधि का आकस्मिक अवकाश स्वीकार कर सकता है।
**
(3) *अग्रिम अवकाश स्वीकृत करना* किसी शिक्षक/कर्मचारी को मूल नियम 81-E व मूल नियम 81-C के तहत कोई अवकाश ,अग्रिम रुप से भी अवकाश स्वीकृत करने वाला अधिकारी उस विश्वास के आधार पर अवकाश स्वीकृत कर सकता है कि कर्मचारी/शिक्षक सेवारत रहते हुऐ उस अवकाश को भविष्य में पुनः अर्जित कर लेगा।।
माध्यमिक शिक्षक समाज
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शिक्षक-समस्या-समाधान
(1) *जिज्ञासा :- बाल्य देखभाल अवकाश (CCL) से जुड़े प्राव़धानों के बारे में अवगत कराने का कष्ट करें*।
उत्तरः-बाल्य देखभाल अवकाश के प्रमुख प्रावधान निम्नवत हैं-
(क) यह अवकाश एक शैक्षिक वर्ष में तीन बार से अधिक नहीं दिया जायेगा।
(ख) यह अवकाश 15 दिन से कम नहीं देय है।
(ग) यह अवकाश अर्जित अवकाश के समान मानते हुए उसी प्रकार स्वीकृत किया जाता है।
(घ) यह अवकाश साधारणतया परिवीक्षा अवधि में नहीं दिया जाता है यदि अवकाश स्वीकृत अधिकारी परिवीक्षार्थी की आवश्यकता से सन्तुष्ठ होता है तो स्वीकृत अवकाश की अवधि कम से कम होनी चाहिये।
(ड़) यह पूरे सेवा काल में 730 दिन का देय होता है।
(च) एक विद्यालय में 25% से अधिक शिक्षकों को एक साथ सीसीएल नहीं दी जा सकती।
(छ) संतानों की संख्या की बाध्यता नहीं लेकिन सीसीएल प्रथम दो संतानों के 18 वर्ष होने से पूर्व ही लिया जा सकता है।
(2) *जिज्ञासा :- क्या अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में निलम्बन काल में जीवन निर्वाह भत्ता,(जो वेतन का आधा मिलता है),राज्यकर्मचारियों की भाँति छःमाह बाद बढा़या जा सकता है?*
समाधान :- नहीं! अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का निलम्बन काल में जीवन निर्वाह भत्ता में राज्यकर्मचारियों की भाँति छःमाह बाद भी शिक्षा निदेशक(मा) उ.प्र.के आदेशानुसार कोई वृद्धि नहीं की जा सकती है।
(3) *जिज्ञासा :- *अगर स्कूल का प्रबन्धक विद्यालय के प्रवक्ता के रिक्त पदों का अधियाचन चयन बोर्ड को नहीं भेजता है तो क्या जि.वि.नि. अपने स्तर पर क्या कर सकता है?*
समाधान :- हाँ, उ.प्र.माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड नियमावली 1998 के नियम 11(4) के अन्तर्गत धारा 10 की उपधारा (1) के अनुसार जि.वि.नि. अपने स्तर से भी अधियाचन भेज सकता है।
(4) *जिज्ञासा :-* *प्रबन्ध समिति ने निलम्बन कर दिया था,जिसे 60 दिन हो चुके है, परन्तु प्रबन्धक मुझे कार्यभार नहीं करा रहै है। कृपया मार्गदर्शन देने का कष्ट करें*।
समाधान :- माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा 16 छ(7)के अनुसार कोई निलम्बन जि.वि.नि. द्वारा 60 दिन के अन्दर लिखित अनुमोदित न करने पर स्वतं समाप्त हो जाता है किन्तु शासनादेश दिनाकं -23 जुलाई 2002 के अनुसार अब जि.वि.नि.को अनिवार्य रुप से 60 दिन के अन्दर निलम्बन के अनुमोदन अथवा अनानुमोदन पर निर्णय लेना अनिवार्य होगा, तदुपरान्त ही आप कार्यभार ग्रहण कर पायेगें।
(5) *जिज्ञासा :- मैंने तथा एक साथी ने प्रवक्ता पद पर पदोन्नति के कारण एक ही दिन कार्यभार ग्रहण किया है मेरी आयु दूसरे साथी से अधिक है तो मैं क्या उनसे वरिष्ठ हूँ।?*
समाधान :- नहीं। माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 के अध्याय-2 के विनियम 3(खख)के अनुसार चूकिं आपकी तथा दूसरे शिक्षक की प्रवक्ता पद पर पदोन्नति एक ही तिथि हो हुयी है, इस कारण आप दोनों में जिसकी एल.टी.ग्रेड की सेवा अवधि अधिक होगी, वह वरिष्ठ होगा, यदि दोनों की एल.टी.ग्रेड की सेवा अवधि समान होगी तो ही आप आयु के आधार वरिष्ठ होगें।
6) *जिज्ञासा -: अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक/प्रवक्ता के माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से प्रवक्ता या प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य के रूप में चयन होने के बाद कार्यरत संस्था से अवैतनिक अवकाश (Leave without Pay) लेकर चयनित संस्था में प्रवक्ता/प्रधानाचार्य के पद पर कार्य ग्रहण कर सकता है?*
समाधान :- बिल्कुल नहीं। शिक्षा निदेशक (मा.) के दिनांक 05/11/2015 के आदेश पत्रांक : अर्थ (1)/3262-3380/2015-16 के अनुसार ऐसा करना नियम विरुद्ध है।
(7) *जिज्ञासा :- किसी पद का अधियाचन, चयन बोर्ड, इलाहाबाद को भेज देने के बाद उस पद पर पदोन्नति को जा सकती है?*
समाधान :- नहीं। शासनादेश -दिनांक-18/5/15 के अनुसार भेजे गये अधियाचन को सम्बन्धित मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, शिक्षा उप निदेशक(मा.) एवं जिला विद्यालय निरीक्षक की संयुक्त आख्या के आधार पर चयन बोर्ड द्वारा निरस्त करने के बाद ही पदोन्नति हो सकती है, किन्तु पद विज्ञाप्ति हो गया हो तो पदोन्नति नहीं की जा सकती है।
माध्यमिक शिक्षक समाज
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*महिला शिक्षिकायों से सम्बन्धित पृच्छायें*
अनेक शिक्षिकायौं ने बाल्य देखभाल अवकाश (सी.सी.एल )के सम्बन्ध में अनेक पृच्छायें की है जिनका उत्तर निम्नवत हैः————————–
पृच्छा-(1.) *सी.सी.एल कब से देय हुये*
उत्तरः-यह अवकाश 08/12/2008 से आरम्भ किये गये।
पृच्छा-(2 ) *यह अवकाश किस नियम के तहत तथा कितने देय होते है*।
उत्तर-सी.सी.एल वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-2,भाग-2 से 4 के सहायक नियम 153-(1)के आधीन सम्पूर्ण सेवाकाल में 730 दिन का देय होता है,।
पृच्छा-(3) *सी.सी.एल अवकाश किन शर्तों के आधीन मिलते हैं?* उत्तर–यह अवकाश प्रसूति अवकाश के सम्बन्ध में लागू शर्तों एवं प्रतिबन्धों के आधीन तथा सन्तान की बीमारी अथवा परीक्षा में 18 वर्ष की आयु तक देय होती है.सन्तान की बीमारी स्थिति में सन्तान का अस्वस्थता का चिकित्सक प्रमाण पत्र ,परीक्षा की स्थिति में परीक्षा स्कीम लगाना होता है।
पृच्छा- (4) *क्या सन्तान की संख्या के अनुसार इनका विभाजन किया जाता है?* उत्तर-केवल दो सन्तान की आयु 18 वर्ष होने की अनिवार्यता है,परन्तु दो से अधिक होने पर प्रथम दो ज्येष्ठ ,सन्तानों पर 18 वर्ष की आयु तक ही देय होते है।
पृच्छा-(5) *यह अवकाश एक कलेन्डर वर्ष में अधिकत्तम कितने बार मिल सकते है?* उत्तर–यह अवकाश एक कलेन्डर वर्ष में तीन बार से अधिक नहीं दिये जा सकते है।
पृच्छाः–(6) *यह अवकाश एक बार में कितने दिन के लिये जा सकते है?* उत्तर—सी.सी.एल.अवकाश 15 दिन से कम नहीं दिये जा सकते हैं।
पृच्छाः-(7) क्या यह अवकाश अर्जित अवकाश के शेष रहते हुये मिल सकते है?* उत्तरः-यह अवकाश अर्जित अवकाश के शेष होते हुये भी दिये जा सकते हैं।
पृच्छाः-(8) *क्या सी.सी.एल. परिवीक्षा अवधि में भी मिल सकते हैं?*
उत्तर– सामान्य तया यह अवकाश परिवीक्षा अवधि में नहीं दिये जा सकते हैं किन्तु विषम परिस्थिति से सन्तुष्ठ होने पर ही कम से कम अवधि का यह अवकाश सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जा सकता हैं
पृच्छा(9) *सी.सी.एल.को स्वीकृत कौन कर सकता है*? उत्तर –सी.सी.एल को अर्जित अवकाश स्वीकार करने वाला अधिकारी ही,शिक्षक/लिपिक के बारें में प्रधानाचार्य की संस्तुति पर प्रबन्धक तथा चतुर्थ श्रेणी की प्रधानाचार्य ही स्वीकृत करेगें।।
पृच्छाः -(10) *सी.सी.एल.के मध्य पड़ने वाले अवकाश ,सी.सी.एल में माने जायेगें अथवा नहीं?* उत्तर–सी.सी.एल के मध्य पड़ने वाले अवकाश सी.सी.एल में ही माने जायेगें।
पृच्छाः–(11) *सम्पूर्ण स्टाफ के कितनी शिक्षिकायों को एक साथ सी.सी.एल दी जा सकती है? उत्तरः-सम्पूर्ण स्टाफ की संख्या का 25% ही शिक्षिकायों को एक साथ सी.सी.एल दी जा सकती है।।
सरकारी कर्मचारियों की कितनी सैलरी बढ़ेगी DA
माध्यमिक विद्यालयों में ट्रांसफर के नियम
ट्विन टावर गिराए जाने के क्या क्या कारण है